नई दिल्‍ली,  मोदी सरकार के लिए जम्मू-कश्मीर में अगला एक हफ्ता परीक्षा का है। कल यानी शुक्रवार को जुमे की नमाज है। राज्य की विशेष स्थिति में बदलाव के बाद यह पहला जुमा होगा। इसके बाद 12 अगस्त को बकरीद है। 14 अगस्त को पाकिस्तान का और 15 अगस्त को देश का स्वतंत्रता दिवस है। आमतौर पर पाकिस्तान के यौमे आजादी के दिन घाटी में प्रदर्शन होते हैं। इस एक हफ्ते में केंद्र सरकार को राज्य के लोगों का मूड भांपने का भी मौका मिलेगा। जम्‍मू-कश्‍मीर को विशेष राज्‍य का दर्जा देने वाले अनुच्‍छेद 370 के प्रावधान हटाने के बाद से प्रदेश में भारी सुरक्षाबल तैनात है। कई इलाकों में कर्फ्यू लगा हुआ है। कश्‍मीर में कर्फ्यू कब तक रहेगा, इसकी अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। हालांकि, खबरों के मुताबिक, अगामी शुक्रवार और ईद-उल-अहहा के मुबारक मौके पर कश्‍मीरियों को कर्फ्यू में ढील दी जा सकती है।

जम्‍मू-कश्‍मीर से अनुच्‍छेद 370 के प्रावधान हटाने के बाद से पड़ोसी मुल्‍क कश्‍मीर बौखलाया हुआ है। ऐसे में इमरान खान कोई भी नापाक कदम उठा सकते हैं। इसलिए यह अनुमान लगाया जा रहा है कि कश्‍मीर के सुरक्षाबलों की तैनाती अभी जारी रहेगी। हालांकि, शुक्रवार और ईद के मौके पर कर्फ्यू में ढील देकर सरकार को कश्‍मीरियों के मूड का अंदाजा जरूर हो जाएगा। इसके बाद भी सरकार कर्फ्यू और सुरक्षाबलों की तैनाती को लेकर कोई फैसला ले सकती है।

राज्य प्रशासन के साथ मिलकर केंद्र सरकार कश्‍मीर की स्थिति पर करीब से नजर बनाए हुए है। इसके मद्देनजर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोवाल ने घाटी की स्थिति की जमीनी हकीकत जानने के लिए वहां का दौरा भी किया। डोवाल ने यहां राज्यपाल सत्यपाल मलिक और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मीटिंग भी की थी। डोवाल कश्‍मीर में स्‍थानीय लोगों से भी मिले और उन्‍हें यकीन दिलाया कि सब कुछ उनकी बेहतरी के लिए किया जा रहा है। आम कश्‍मीरी भी इस बात को समझता हुआ नजर आ रहा था।

सूत्रों के मुताबिक, गुरुवार को जुमे की नमाज के मद्देनजर धारा 144 के तहत लागू कुछ प्रतिबंधों में ढील दी जा सकती है। वहीं 12 अगस्त को ईद-उल-अजहा भी है। ऐसे में इन मौकों पर सुरक्षा प्रतिबंधों में ढील देकर घाटी के लोगों के मूड का आकलन करने की कोशिश सरकार कर सकती है। अभी तक अधिकारियों ने यहां हालात स्थिर और संतोषजनक बताया है। घाटी में सुरक्षा को लेकर केंद्र सरकार काफी करीब से नजर बनाए हुए है और इसके साथ ही घाटी और दक्षिण कश्मीर में लोगों के मूड की भी सावधानीपूर्वक निगरानी कर रही है।