नैशनल एसोसिएशन फॉर पेरेंट्स एंड स्टूडेंट्स राइट्स (NAPSR) ने सहस्रधारा रोड़ स्थित Doon Public Academy को बंद किये जाने के सम्बंध मे जिलाधिकारी को सौंपा ज्ञापन 

नैशनल एसोसिएशन फॉर पेरेंट्स एंड स्टूडेंट्स राइट्स (NAPSR) ने सहस्रधारा रोड़ स्थित Doon Public Academy को बंद किये जाने के सम्बंध मे जिलाधिकारी को सौंपा ज्ञापन 

देहरादून–नैशनल एसोसिएशन फॉर पेरेंट्स एंड स्टूडेंट्स राइट्स (NAPSR) ने सहस्रधारा रोड़ स्थित Doon Public Academy को बंद किये जाने के सम्बंध मे जिलाधिकारी को सौंपा ज्ञापन ।

ज्ञात हो कि सहस्रधारा रोड़ स्थित Doon Public Academy को वहां की प्रिंसिपल श्रीमती सीमा गोयल द्वारा बन्द किया जा रहा है। जिसमे 254 बच्चे सामान्य व 52 बच्चे RTE के अन्तर्ग दाखिला प्राप्त हैं। जिसकी शिकायत मुख्य शिक्षा अधिकारी को 11/03/2019 से की गई थी जिस पर मुख्य शिक्षा अधिकारी श्रीमती आशा रानी पैन्यूली ने शिक्षा अधिकार अधिनियम का हवाला देते हुए प्रधानाचार्य को इस साल स्कूल बंद न करने का नोटिस जारी किया था ।

किंतु स्कूल प्रधानाचार्य श्रीमती सीमा गोयल द्वारा शिक्षा विभाग के सभी आदेशों को अनदेखा करते हुए अभिभावकों को अपने बच्चों को इस स्कूल मे न भेजने और अपने बच्चों का एडमिशन किसी अन्य स्कूल मे करने का दबाव बनाए जाने के साथ ही स्कूल का सामान विक्रय करना शुरू कर दिया है। जिस कारण वहां के अभिभावकों के सामने अपने अपने बच्चों को पढ़ाने की समस्या खड़ी हो गयी है और बच्चे व अभिभावकों को मानसिक प्रताड़ना झेलनी पड़ रही है।

अपनी मानवीय एवं शिक्षा के अधिकारों का हनन का भी शिकार होना पड़ रहा है । इस विषय मे जब कल मुख्य शिक्षा अधिकारी से नैशनल एसोसिएशन फॉर पेरेंट्स एंड स्टूडेंट्स राइट्स (NAPSR) के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरिफ खान ने भेंट कर इस बाबत जानकारी दी। तो उन्होंने ये कहते हुए अपना पल्ला झाड़ लिया कि इसमे वो अभी कुछ नही कर सकती हैं ।

आप जाकर स्कूल के खिलाफ सम्बन्धित थाने में FIR दर्ज करवाएं यदि मेरे पास जांच आएगी तो मै अपनी रिपोर्ट दे दूंगी । आज सुबह जब अभिभावकों ने थाना रायपुर मे इस बाबत शिकायती पत्र दिया। तो थाना रायपुर प्रभारी ने अभिभावकों को जानकारी दी कि पुलिस को शिक्षा अधिकार अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज करने या शिकायत की रिसीविंग देने का कोई अधिकार नही है और आप जिला अधिकारी या सम्बन्धित विभाग मे अपनी शिकायत दर्ज कराएं ।

जिसके चलते सभी अभिभावकों ने जिलाधिकारी महोदय को शिकायती पत्र प्रेषित किया जिसकी प्रतिलिपि माननीय मुख्यमंत्री उत्तराखंड शासन/शिक्षा सचिव/शिक्षा निदेशक/मुख्य शिक्षा अधिकारी/सी०बी०एस०सी० निदेशक देहरादून/राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग देहरादून को को भी प्रेषित है ।

इस मामले मे नैशनल एसोसिएशन फॉर पेरेंट्स एंड स्टूडेंट्स राइट्स ( NAPSR) के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरिफ खान का कहना है कि आज जब स्कूल प्रधानाचार्य द्वारा सभी बच्चों से शिक्षा का अधिकार छीन कर उन्हें शिक्षा से वंचित किया जा रहा है और साथ ही शिक्षा अधिकार अधिनियम का भी खुले आम उलंघन किया जा रहा है ।जो कि मानवीय मौलिक अधिकारों का हनन है।

अभिभावकों व छात्रों के किसी भी प्रकार के उत्पीड़न चाहे वो शारिरिक हो या मानसिक रूप मे मे हो जिसे NAPSR द्वारा बिल्कुल बर्दास्त नही किया जाएगा। इसके लिए चाहे अभिभावक संघ को जनहित याचिका डालनी पड़े तो वो भी डालेंगे और यदि स्कूल नियमानुसार अपने बन्द होने की सूचना अभिभावकों/शिक्षा विभाग व जनता को देता है। तो उसका स्वागत किया जाएगा किन्तु स्कूल की मनमानी के चलते 300 बच्चों का भविष्य अंधकार मे नही जाने दिया जाएगा ।

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