पीएम आवास योजना 2.0: पिता को मिला घर तो बेटे को नहीं मिलेगा लाभ, केंद्र सरकार ने लागू किए नए नियम

प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) 2.0 के तहत केंद्र सरकार ने नए नियम लागू किए हैं, जिनके अनुसार यदि परिवार में पिता को इस योजना का लाभ मिल चुका है, तो उनके बेटे को अगले 20 वर्षों तक इस योजना के तहत घर नहीं मिलेगा। सरकार ने इस बदलाव को लागू करते हुए कहा है कि योजना का लाभ केवल उन्हीं जरूरतमंद परिवारों को मिलेगा, जिन्हें अब तक घर नहीं मिला है।
अब माता-पिता के बाद बेटे को नहीं मिलेगा आवास
इससे पहले प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत माता-पिता के अलावा बेटों को भी घर दिए जाते थे, लेकिन अब नए बदलाव के बाद यह सुविधा समाप्त कर दी गई है। सरकार के अनुसार, अगर माता-पिता को पहले ही इस योजना का लाभ मिल चुका है, तो उनके बेटे को अगले 20 सालों तक इसका लाभ नहीं मिलेगा। इसके अलावा, यदि माता-पिता नहीं हैं और उनकी संपत्ति बेटे के नाम पर है, तो वह भी इस योजना से बाहर रहेगा। यदि कोई व्यक्ति इस नियम का उल्लंघन कर योजना का लाभ लेने की कोशिश करता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
ऑनलाइन आवेदन की सुविधा शुरू
इस बार प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन की सुविधा भी दी गई है। सरकार ने AwaasPlus App लॉन्च किया है, जिसमें आधार नंबर डालकर आवेदन किया जा सकता है। आवेदन के लिए आधार कार्ड, पैन कार्ड, आय प्रमाण पत्र, वोटर आईडी, जाति प्रमाण पत्र और निवास प्रमाण पत्र अनिवार्य होंगे।
उत्तराखंड समेत देशभर में प्रधानमंत्री आवास योजना 2.0 को प्रभावी रूप से लागू करने के लिए सरकार ने कई निगरानी समितियां बनाई हैं।
राज्य स्तरीय स्वीकृति और निगरानी समिति
- अध्यक्ष: मुख्य सचिव
- उपाध्यक्ष: सचिव, शहरी विकास
- सदस्य: वित्त सचिव, राजस्व सचिव, आवास सचिव, वन एवं पर्यावरण सचिव, ऊर्जा सचिव, पेयजल सचिव, मुख्य नगर नियोजक, राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति के संयोजक, शहरी विकास निदेशक
- कार्य:
- योजना के विभिन्न घटकों की स्वीकृति और निगरानी
- लाभार्थियों की सूची का अनुमोदन
राज्य स्तरीय मूल्यांकन समिति
- अध्यक्ष: निदेशक, शहरी विकास
- सदस्य: मिशन निदेशक पीएमएवाई, संयुक्त मुख्य प्रशासक, वरिष्ठ वित्त अधिकारी, अधीक्षण अभियंता, क्षेत्रीय प्रमुख हुडको
- कार्य:
- डीपीआर और लाभार्थियों की सूची का मूल्यांकन
- वार्षिक गुणवत्ता निगरानी प्लान का अनुमोदन
जनपद स्तरीय समिति
- अध्यक्ष: जिलाधिकारी
- उपाध्यक्ष: मुख्य विकास अधिकारी
- सदस्य सचिव: नगर आयुक्त
- कार्य:
- जिलों में योजना के क्रियान्वयन की निगरानी
- निकायों से प्राप्त रिपोर्ट का विश्लेषण
नगर निकाय स्तर पर कार्यकारी समिति
- अध्यक्ष: नगर आयुक्त
- कार्य:
- स्थानीय निकायों के स्तर पर योजना के कार्यों की निगरानी
सरकार ने साफ कर दिया है कि पीएम आवास योजना 2.0 में किसी भी तरह की गड़बड़ी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यदि कोई व्यक्ति गलत तरीके से योजना का लाभ लेने की कोशिश करता है, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। सरकार का कहना है कि इन नए प्रावधानों से योजना का लाभ सही और जरूरतमंद परिवारों तक पहुंचेगा। साथ ही, इसका दुरुपयोग रोकने में भी मदद मिलेगी।