बैंकों के कर्ज में फंसे स्वरोजगार के सपने, PMEGP सब्सिडी न मिलने से युवा परेशान

बैंकों के कर्ज में फंसे स्वरोजगार के सपने, PMEGP सब्सिडी न मिलने से युवा परेशान

चमोली जिले में प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP) के तहत स्वरोजगार के सपने देख रहे युवाओं की परेशानियां बढ़ती जा रही हैं। 2021 से 2024 तक उद्योग विभाग ने स्वरोजगार के लिए 581 प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दी, लेकिन चार साल बाद भी सब्सिडी का इंतजार खत्म नहीं हुआ। युवाओं को ग्रामीण क्षेत्रों में 35% और शहरी क्षेत्रों में 25% सब्सिडी मिलनी थी, लेकिन यह राशि बैंकों तक नहीं पहुंची।

सब्सिडी की इस देरी ने युवाओं को आर्थिक संकट में डाल दिया है। बैंकों से कर्ज लेकर व्यवसाय शुरू करने वाले इन बेरोजगारों को कर्ज पर भारी ब्याज का बोझ उठाना पड़ रहा है। यदि सब्सिडी समय पर मिलती, तो उन्हें ब्याज में राहत मिल सकती थी।

सरकार की ओर से सब्सिडी वितरण में तीसरे पक्ष द्वारा सत्यापन की शर्तों के कारण प्रक्रिया अटक गई है। उद्योग विभाग के अनुसार, 1163 प्रोजेक्ट्स में से 581 को ही सब्सिडी मिली है, जबकि 582 अब भी इंतजार कर रहे हैं। जिलाधिकारी चमोली संदीप तिवारी ने बताया कि स्वरोजगार से जुड़े मामलों की समीक्षा जारी है, और सब्सिडी को लेकर विभागीय पत्राचार किया जा रहा है। प्रशासन युवाओं की समस्याओं का समाधान निकालने के लिए गंभीर है।

बदरीनाथ विधायक लखपत बुटोला ने इसे बेरोजगारों के साथ अन्याय बताया। उन्होंने कहा कि सब्सिडी में हो रही देरी युवाओं पर भारी आर्थिक बोझ डाल रही है।

योजना के तहत स्वरोजगार करने वाले युवाओं ने छोटे उद्योग, दुकान और अन्य व्यवसाय शुरू किए हैं। लेकिन बैंकों के ब्याज चक्रव्यूह में फंसे ये युवा अब अपने सपनों को टूटता देख रहे हैं। प्रशासन और उद्योग विभाग को जल्द ही सब्सिडी वितरण सुनिश्चित कर युवाओं को राहत देनी चाहिए।

Saurabh Negi

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