प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जमुई के सांसद चिराग पासवान की जमकर तारीफ की है

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जमुई के सांसद चिराग पासवान की जमकर तारीफ की है
पीएम मोदी ने चिराग पासवान की जमकर की तारीफ, कहा-इनसे सीखिए सांसद के गुण

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जमुई के सांसद चिराग पासवान की जमकर तारीफ की है और भाजपा की बैठक में नए सांसदों को कहा कि वो चिराग से बेहतर सांसद बनने के गुण सीखें। जानिए और क्या कहा..

पटना, लोकसभा चुनाव में मिली एेतिहासिक जीत के बाद मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी (BJP) की संसदीय दल की पहली बैठक हुई। इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए सांसदों की क्लास ली और कुछ सांसदों को नए टारगेट भी दिए।

बैठक में पीएम मोदी ने लोकजनशक्ति पार्टी (एलजेपी) के सांसद और रामविलास पासवान के पुत्र चिराग पासवान की जमकर तारीफ की और पार्टी सांसदों को उनसे सीख लेने की सलाह दी।

पीएम मोदी ने बैठक में उपस्थित सांसदों से कहा कि आपको रामविलास पासवान के बेटे और लोजपा सांसद चिराग पासवान से सीखना चाहिए कि कैसे वो संसद में किसी बिल पर अपने भाषण की तैयारी करके आते हैं।चिराग पासवान की प्रशंसा करते हुए पीएम मोदी ने आगे कहा कि चिराग संसद की प्रक्रिया में भाग लेते हैं और महत्वपूर्ण चर्चा में भी मौजूद रहते हैं।

बता दें कि चिराग पासवान बिहार के जमुई से सांसद हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में जमुई सीट से उन्होंने जीत हासिल की थी और इससे पहले 2014 में जीत दर्ज कर चिराग पासवान पहली बार सांसद बने थे।

बैठक के दौरान सांसदों से प्रधानमंत्री ने कहा कि संसद एक सीखने की जगह है, जो सीखेगा उसका ही सम्मान होगा। नए सांसदों को संदेश देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि सांसद सिर्फ बयानबाजी न करें और सेवा काम में जुटें। इसके साथ ही पीएम ने कहा कि हर बूथ में सांसद पांच पेड़ लगाएं, यानी पंचवटी।

पीएम ने कहा कि अपने क्षेत्र में सांसदों की एक पहचान होनी चाहिए और सांसदों को अधिक से अधिक संख्या में सदन में उपस्थित रहना चाहिए।

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार अपने सांसदों को सीख दे रहे हैं। इससे पहले एनडीए संसदीय दल का नेता चुने जाने के बाद भी पीएम मोदी ने सांसदों को सीख दी थी और सांसदों से पीएम मोदी ने कहा था कि जीवन में कुछ करना है तो छपास और दिखास से बचना होगा।

मोदी ने कहा कि हम लोग जब नये-नये आए थे, तब अटलजी और आडवाणीजी की ओर से यह सीख मिली थी. हिदायत मिली थी कि अखबार में छपने और टीवी पर दिखने से बचें. नेता कम, शिक्षक अधिक नजर आएं.

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