नए तैनाती स्थलों पर नहीं पहुंचे रेंजर, ठेंगे पर पीसीसीएफ के आदेश
प्रदेश के वन महकमे में वनाधिकारी अपनी ही सरकार चला रहे हैं। कोई शासन के आदेश नहीं मान रहा है तो कोई विभाग प्रमुख पीसीसीएफ के आदेशों को ही ठेंगा दिखा रहा है। स्थानांतरण प्रकरण में सहायक वन संरक्षक (एसडीओ) के बाद अब वन क्षेत्राधिकारियों (रेंजर) का मामला सामने आया है। पहले वन क्षेत्राधिकारी विभाग के उच्च अधिकारियों पर समय से तबादला नहीं करने का आरोप लगा रहे रहे थे, लेकिन जब तबादला आदेश हो गए, तब नए तैनाती स्थलों पर जाने से कतरा रहे हैं। वन विभाग में नौ अक्तूबर को प्रमुख वन संरक्षक (हॉफ) अनूप मलिक की ओर से 38 वन क्षेत्राधिकारियों का तबादला किया गया था। इनमें 13 रेंजर का तबादला स्वेच्छा से, दो का प्रशासनिक आधार पर और 23 को जनहित में स्थानांतरित किया गया था। लेकिन तबादला आदेश होने के 23 दिन बाद भी मात्र नौ रेंजर ने नवीन तैनाती स्थल पर ज्वाॅइनिंग दी है।
इस बीच 20 अक्तूबर को मुख्य वन संरक्षक मानव संसाधन विकास एवं कार्मिक विभाग (एचआरडी) निशांत वर्मा की ओर से सभी प्रभागीय वनाधिकारियों को आदेशों का अनुपालन कराए जाने के संबंध में पत्र लिखा जा चुका है। लेकिन इस पत्र का भी कोई असर नहीं हुआ। तमाम रेंजर अब भी अपने पुराने कार्यस्थल पर जमे हैं। ऐसे में विभागीय कार्यप्रणाली को लेकर सवाल उठ रहे हैं। विभागीय सूत्रों की मानें तो तमाम वन क्षेत्राधिकारी जो पहले से सुगम स्थानों पर तैनात हैं, वह कोई न कोई जुगत लगाकर अपने तैनाती स्थल पर ही बने रहना चाहते हैं।