उत्तराखंड में दोपहिया वाहन पर पीछे बैठी सवारी के लिए भी हेलमेट पर सख्ती
प्रदेश में दोपहिया वाहन पर बैठी पीछे की सवारी के लिए हेलमेट पहनने पर सख्ती होगी तो चौपहिया वाहन में भी सीट बेल्ट की अनिवार्यता होगी। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सोमवार को बैठक में ये निर्देश दिए। उन्होंने परिवहन विभाग से सड़क दुर्घटनाओं के बाद हुए डेथ ऑडिट के फलस्वरूप उठाए गए सुधारात्मक कदमों पर रिपोर्ट तलब की है। सीएस राधा रतूड़ी सोमवार को सचिवालय में राज्य सड़क सुरक्षा कोष प्रबन्ध समिति की बैठक ली। इसमें उन्होंने पूरी तरह से फेसलेस चालान सिस्टम को लागू करने, राज्य की सीमाओं व सभी मुख्य मार्गों पर एएनपीआर कैमरों के साथ ही शहरों में ड्रोन कैमरों से ट्रैफिक व्यवस्था की मॉनिटरिंग एवं चालान के निर्देश दिए। उन्होंने शिक्षा विभाग को स्कूलों में सप्ताह में एक दिन बच्चों को सड़क सुरक्षा के संबंध में जागरूक करने को भी कहा। उन्होंने ट्रैफिक सिग्नल को एएनपीआर तथा आरएलवीडी सिस्टम से अपग्रेड करने के भी निर्देश दिए।
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कार्ययोजना पर तत्परता से काम करने के निर्देश
मुख्य सचिव ने दुपहिया वाहनों पर पीछे बैठने वालों के लिए हेलमेट पहनने एव चौपहिया में सभी के लिए सीट बेल्ट के नियम को सख्ती से लागू करवाने के निर्देश दिए। पुलिस विभाग को सड़क सुरक्षा एवं यातायात जागरुकता के लिए आधिकारिक सोशल मीडिया के माध्यम से जन जागरुकता कार्य करने को कहा। बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने हिट एंड रन व गुड समेरिटन के व्यापक प्रचार-प्रसार के निर्देश दिए। इसके साथ ही उन्होंने राज्य के मार्गों पर वैज्ञानिक तरीके से गति सीमा के निर्धारण की कार्ययोजना पर तत्परता से काम करने को कहा।
बैठक में अधिकारियों ने बताया कि पिछले वर्ष 67 गुड समेरिटन यानी सड़क हादसे में लोगों को प्राथमिक चिकित्सा प्रदान करने, घायलों को अस्पताल पहुंचवाने, एंबुलेंस न मिलने पर अपने वाहन से अस्पताल पहुंचाने, रक्त उपलब्ध करवाने वालों को 10 लाख की धनराशि आवंटित की गई है। वर्ष 2024-26 में इसके लिए 10 लाख की धनराशि प्रस्तावित है। बैठक में पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार, प्रमुख सचिव रमेश कुमार सुधांशु , सचिव अरविन्द सिंह ह्यांकी, वी षणमुगम सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।