सुप्रीम कोर्ट ने मुफ्त योजनाओं पर जताई नाराजगी

सुप्रीम कोर्ट ने मुफ्त योजनाओं पर जताई नाराजगी

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को चुनावों में मुफ्त योजनाओं की घोषणाओं पर नाराजगी जताई। जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने कहा कि इस तरह की योजनाओं से लोग काम करने के इच्छुक नहीं रहेंगे क्योंकि उन्हें राशन और पैसे मुफ्त मिलते रहेंगे। यह टिप्पणी तब आई जब कोर्ट बेघर लोगों को शहरी क्षेत्रों में आश्रय देने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई कर रहा था।

सुनवाई के दौरान पीठ ने कहा कि मुफ्त योजनाओं के कारण लोग रोजगार की ओर नहीं बढ़ रहे हैं। कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा कि बेघरों की चिंता करना महत्वपूर्ण है, लेकिन इन्हें समाज की मुख्यधारा में शामिल कर देश के विकास में योगदान देने का अवसर दिया जाना चाहिए।

केंद्र सरकार का पक्ष रखते हुए अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमाणी ने बताया कि शहरी गरीबों के लिए एक योजना को अंतिम रूप दिया जा रहा है, जिसमें आश्रय देने का प्रावधान होगा। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से स्पष्ट करने को कहा कि यह योजना कितने दिनों में लागू होगी। कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई छह हफ्ते बाद तय की है।

चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति के नए कानून पर सुनवाई 19 फरवरी को

सुप्रीम कोर्ट ने मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति से जुड़े नए कानून को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई की तारीख 19 फरवरी तय की है। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने यह जानकारी दी। एनजीओ एडीआर की इस याचिका पर वकील प्रशांत भूषण ने जल्द सुनवाई की अपील की थी, क्योंकि नए मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति जल्द होने वाली है।

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