सरकार से पूछा, मंत्रियों-अधिकारियों पर क्या कार्रवाई हुई? – हाईकोर्ट
नैनीताल हाईकोर्ट ने माना है कि टैक्सी बिल में प्रथम दृष्टया घोटाला दिख रहा है। कोर्ट ने सरकार से पूछा है कि इस घोटाले में शामिल लोगों चाहे वे मंत्री ही क्यों न हों उन पर कोई कार्रवाई हुई या नहीं। कोर्ट ने एक सप्ताह के भीतर इस बारे में जानकारी देने के लिए कहा है। न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। कोर्ट ने कहा है कि अगर सरकार इस पर शपथपत्र दाखिल नहीं करती है तो गृह सचिव सभी आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करें। कोर्ट ने माना कि जब यह मामला सामने आया था तो उस वक्त टैक्सी बिलों को मुख्यमंत्री दफ्तर से सत्यापित किया गया था। तत्कालीन अधिकारियों ने इस पर कोई आपत्ति दर्ज नहीं की कि ये फर्जी बिल हैं और पैंसा भी कोषागार से निकाल लिया गया। ऐसे में उक्त अधिकारियों की संलिप्तता भी इसमें दिख रही है। कोर्ट ने कहा कि आज तक इन पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। एकलपीठ ने मामले को गंभीर मानते हुए इसमें शामिल मंत्रियों और अधिकारियों पर क्या कार्रवाई की गई है, इसकी रिपोर्ट मांगी है।