गढ़वाल विवि की कार्यकारी परिषद के असंबद्धता के फैसले पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक

गढ़वाल विवि की कार्यकारी परिषद के असंबद्धता के फैसले पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक

गढ़वाल विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद के असंबद्धता के फैसले पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। हाईकोर्ट के इस फैसले से डीएवी सहित 10 कॉलेजों को बड़ी राहत मिली है। डीएवी सहित 10 अशासकीय डिग्री कॉलेजों को इसी सत्र से विश्वविद्यालय कार्यपरिषद ने असंबध करने का निर्णय लिया गया था।

प्रदेश के 10 अशासकीय डिग्री कॉलेजों की संबद्धता खत्म करने के साथ ही विवि से जुड़े 72 प्राइवेट कॉलेजों की संबद्धता पर भी तलवार लटकी थी। विवि की कार्यकारी परिषद ने इन कॉलेजों की संबद्धता अगले साल से खत्म करने का निर्णय लिया था। यह निर्णय पिछले साल 20 जून को हुई शिक्षा मंत्रालय, राज्य सरकार व यूजीसी की संयुक्त बैठक के परिप्रेक्ष्य में लिया गया। जिसके बाद कॉलेजों का कहना है कि विवि के 2009 में पारित एक्ट के तहत उन्हें असंबद्ध नहीं किया जा सकता है।
वर्ष 2009 में गढ़वाल विवि को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा मिला था। उस वक्त जो एक्ट पास हुआ था, उसके सेक्शन 4-एफ में ये प्रावधान किया गया था कि जो कॉलेज विवि से संबद्ध हैं, उनका स्टेटस वैसा ही रहेगा। इस एक्ट की वजह से गढ़वाल विवि लंबे समय से इन कॉलेजों से पीछा नहीं छुड़ा पाया। हालांकि प्रदेश के सभी राजकीय डिग्री कॉलेजों को सरकार ने इस विवि से करीब दो साल पहले असंबद्ध कराते हुए श्रीदेव सुमन विवि से संबद्ध करा लिया था। इसके बाद से बाकी कॉलेजों को हटाने की भी कोशिशें चल रहीं थीं।

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