उत्तराखंड के सात युवाओं को थाईलैंड में 25,000 रुपये में बेचा गया, ऑनलाइन ठगी में धकेला
चंपावत – उत्तराखंड के सात युवाओं को विदेश में नौकरी का लालच देकर एक बड़ी धोखाधड़ी का शिकार बनाया गया। इन युवाओं को थाईलैंड ले जाकर 25-25 हजार रुपये में बेच दिया गया और जबरन ऑनलाइन ठगी करने के लिए मजबूर किया गया। जब इन युवाओं ने इस गैरकानूनी काम में शामिल होने से मना किया, तो उन्हें शारीरिक हिंसा और यातनाओं का सामना करना पड़ा। किसी तरह अपने परिवारों से संपर्क करने के बाद यह मामला सामने आया, और फिर स्थानीय प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई की।
यह घटना बेरोजगारी से जूझ रहे युवाओं के लिए एक गंभीर चेतावनी है, जो बेहतर भविष्य की तलाश में अक्सर ऐसे गिरोहों का शिकार बन जाते हैं।
कैसे हुई तस्करी?
इस धोखाधड़ी के पीछे गुजरात के पोरबंदर निवासी राहुल का हाथ था, जिसने इन युवाओं को थाईलैंड में बड़ी तनख्वाह वाली नौकरी का सपना दिखाया। जैसे ही ये युवक थाईलैंड पहुंचे, उन्हें एक गिरोह के हवाले कर दिया गया, जो उनसे अवैध ऑनलाइन ठगी का काम करवाने की कोशिश कर रहा था। यह गिरोह उन लोगों को टारगेट करता है जो नौकरी की तलाश में विदेश जाना चाहते हैं, और फिर उन्हें अवैध गतिविधियों में धकेल देता है।
जब इन युवाओं ने इस ठगी में शामिल होने से इनकार किया, तो उनके साथ मारपीट की गई। देहरादून, चंपावत और उधम सिंह नगर के इन युवाओं ने किसी तरह अपने परिवारों को अपनी दुर्दशा के बारे में बताया, जिसके बाद उनकी मदद के लिए कदम उठाए गए।
चंपावत निवासी राजेंद्र सौन ने बताया कि उनका बेटा ललित अपने दोस्तों के साथ रोजगार की तलाश में दिल्ली गया था, जहां उनकी मुलाकात ठग राहुल और जयदीप रामजी टोकड़िया से हुई। दोनों ने इन युवाओं को थाईलैंड भेजने का इंतजाम किया। वहां पहुंचने पर उन्हें धोखे से तस्करी कर म्यांमार भेज दिया गया, जहां उनसे ठगी करवाई जा रही थी।
पुलिस की तेजी से कार्रवाई
चंपावत पुलिस और विदेश मंत्रालय ने मिलकर इन युवाओं को बचाने के लिए तुरंत कार्रवाई की। 13 सितंबर 2024 को पुलिस ने गुजरात के जयदीप रामजी टोकड़िया को गिरफ्तार कर लिया, हालांकि उसका साथी राहुल दुबई भागने में सफल हो गया।
विदेश में नौकरी दिलाने का झासा देकर #बनबसा क्षेत्र के 03 युवको को #स्कैमिंग का कार्य कराये जाने हेतु गैर राष्ट्र म्यामार को बेचने वाले अभियुक्त को #गुजरात राज्य से किया गिरफ्तार
बनबसा क्षेत्र के बन्धक 03 युवको को #भारतीय_दूतावास के माध्यम से सकुशल वापस लाया गया pic.twitter.com/dVQckfsLc6
— Champawat Police Uttarakhand (@Champawatpolice) September 16, 2024
जांच से यह पता चला कि यह नेटवर्क बेरोजगार युवाओं को अच्छे भविष्य का सपना दिखाकर उन्हें विदेश भेजता था और वहां उन्हें अपराधी गिरोहों के हवाले कर देता था। पुलिस के अनुसार, इन युवाओं को करीब 10,000 थाई बहत (लगभग 25,000 रुपये) प्रति व्यक्ति के हिसाब से बेचा गया। जब वे इस ठगी में शामिल नहीं होना चाहते थे, तो उनके साथ मारपीट की गई और उनके परिवारों से उन्हें छुड़ाने के लिए बड़ी रकम मांगी गई।