उत्तराखंड में पहली बार दिखा चाइनीज पौंड हेरॉन पक्षी

उत्तराखंड में पहली बार दिखा चाइनीज पौंड हेरॉन पक्षी

आमतौर पर पूर्वोत्तर के राज्यों में दिखाई देने वाला पक्षी चाइनीज पौंड हेरॉन पहली बार उत्तराखंड में देखा गया है। यह दावा कोटद्वार के जौनपुर निवासी बर्ड फोटोग्राफर किरन बिष्ट ने किया है। भारत के टॉप वर्ड फोटोग्राफर कन्वर बी सिंह और गैरी भट्टट्टी ने फेसबुक में डाली उनकी पोस्ट पर कमेंट के माध्यम से उनकी इस उपलब्धि की पुष्टि की है। चाइनीज पौंड हेरॉन के उत्तराखंड में दिखाई देने से बर्ड फोटोग्राफर और पक्षी प्रेमियों में खासा उत्साह है।

किरन विष्ट ने बताया कि बीते 14 मई को लैंसडौन बन प्रभाग के कोटद्वार क्षेत्र में चाइनीज पौंड हेरॉन दिखाई दिया। आमतौर पर यह पक्षी असम, राजस्थान और भूटान में ही दिखते हैं। इसके अलावा यह पक्षी पूर्वोत्तर के अन्य राज्यों में भी दिखाई देती है। उत्तराखंड में इस पक्षी का पहली बार दिखना अच्छी खबर है।  उत्तराखंड में इसकी मौजूदगी का अभी तक कोई रिकॉर्ड नहीं था। उन्होंने बताया कि इस पक्षी का यह ब्रीडिंग का समय है। ब्रीडिंग के लिए इस पक्षी ने पहली बार उत्तराखंड राज्य को चुना है। उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के दौरान वह अपनी ससुराल द्वारीखाल ब्लॉक के चमोला गांव गई थी। वहां उसने पक्षियों की कई प्रजात्तियां देखी और वहीं से उनकी बर्ड फोटोग्राफी की शुरुआत हुई। उन्होंने बताया कि वह चार साल से बर्ड फोटोग्राफी कर रही हैं।

वह चाइनीज पौड हेरॉन के साथ ही रेड नेप्ड आइबिस, इंडियन पिट्टा, ग्रे हेडेड फिश ईगल, ब्लेथ रेड वार्बलर, इंडियन गोल्डन ओरियल, लॉग टेल्ड ब्रॉडबिल, फायर कैप्ड टाइड समेत करीब 245 पक्षियों को अपने कैमरे में कैद कर चुकी हैं।

रेवर बर्ड व माइरोटिव बर्ड सर्दी और गर्मी दोनों ही सीजन में उत्तराखंड में प्रवास करती हैं। प्रवास खत्म होने के बाद अधिकांश पक्षी वापस अपने क्षेत्र में लौट जाती है। कोटद्वार इन पक्षियों को देखने के लिए दक्षिणी राज्यों के ज्यादा पक्षी प्रेमी आते हैं। भारत में पक्षियों को करीब 1250 प्रजातियां हैं। जिसमें से उत्तराखंड में करीब 730 प्रजातियां हैं। पक्षी प्रेमियों के लिए उत्तराखंड में बर्ड वॉचिंग की काफी संभावनाएं है।
चाइनीज पौड हैरान के पहली बार उत्तराखंड के साथ ही लैंसडौन वन प्रभाग में दिखने की बात सामने आई है। इसकी पुष्टि की जा रही है। इसके अलावा शुक्रवार को रामनगर से भी एक टीम कोटद्वार आ रही है। यदि यह पक्षी कोटद्वार क्षेत्र में देखी गई है तो यह निश्चित ही क्षेत्र और प्रदेश के लिए बड़ी उपलब्धि होगी – नवीन चंद्र पंत, डीएफओ लैंसडौन वन प्रभाग

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