सियासत के दिग्गज खिलाड़ी हरीश रावत ने एक तीर से साधे कई लक्ष्य

सियासत के दिग्गज खिलाड़ी हरीश रावत ने एक तीर से साधे कई लक्ष्य

देहरादून। प्रदेश कांग्रेस में गुटीय खींचतान के बावजूद पार्टी नेताओं को एक साथ कैसे जोड़ा जाता है, गन्ना किसानों के बकाया भुगतान की मांग और जहरीली शराब की बिक्री को लेकर सरकार के खिलाफ धरने के जरिये हरीश रावत एक बार फिर ये जताने में कामयाब रहे। दूरस्थ पिथौरागढ़, चमोली से लेकर हरिद्वार और ऊधमसिंहनगर तक राज्य के हर जिले से जिसतरह कांग्रेसी उनके आह्वान पर जुटे, उससे ये भी साफ हो गया कि कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और पार्टी की सर्वोच्च इकाई कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य के तौर पर राज्य की पांचों लोकसभा सीटों पर प्रत्याशियों के चयन में भी उनकी भूमिका अहम रहने वाली है।

विधानसभा के समीप बीते रोज धरने के बहाने सूबे की सियासत के इस दिग्गज खिलाड़ी ने एक तीर से कई लक्ष्य साधे। दूरदराज जिलों से भी विधायकों, पूर्व विधायकों को जुटाकर उन्होंने यह भी जता दिया कि फिलहाल प्रदेशस्तर पर उन्हें टक्कर देना किसी अन्य नेता के बूते में नहीं है। हरिद्वार संसदीय सीट में संभावित प्रत्याशियों के एक पैनल में जिस तरह उन्हें बाहरी बताकर दरकिनार किया गया, इशारों ही इशारों में रावत ये भी बता गए कि उनकी दावेदारी को नजरअंदाज नहीं किया जा सकेगा।
यही नहीं, हरिद्वार से विधायकों और स्थानीय नेताओं की भीड़ जुटाकर रावत प्रदेश संगठन तक भी यही संकेत पहुंचाने की कोशिश करते दिखे हैं। बतौर कांग्रेस राष्ट्रीय महासचिव और कार्यसमिति के सदस्य के रूप में राज्य की पांचों सीटों पर प्रत्याशियों के चयन में उनका दखल रहने वाला है। इसे पार्टी के रणनीतिकार भी स्वीकार कर रहे हैं। धरना स्थल पर सभा में उन्होंने जिस तरह ये कहा कि पांचों सीटों पर कांग्रेस का जो भी उम्मीदवार होगा, वह उनका उम्मीदवार होगा, इसके सियासी निहितार्थ कुछ इसी तरह निकाले जा रहे हैं।
रावत ने गंगा नदी तटबंध निर्माण में खानपुर विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन की ओर से लगाए गए घोटाले के आरोपों का जवाब देने की चुनौती पर पलटवार भी किया। चैंपियन को जवाब देने को 18 फरवरी को लक्सर में वह उपवास पर बैठेंगे।

admin

Leave a Reply

Share