हाई टेंशन लाईन की चपेट में आने से झुलसने के बढ़ते हुए हादसे चिंता का विषय– सर्जन डा० हरीश घिल्डियाल(बर्न एवं प्लास्टिक सर्जन कैलाश अस्पताल)

हाई टेंशन लाईन की चपेट में आने से झुलसने के बढ़ते हुए हादसे चिंता का विषय– सर्जन डा० हरीश घिल्डियाल(बर्न एवं प्लास्टिक सर्जन कैलाश अस्पताल)

देहरादून। कैलाश अस्पताल में आयोजित प्रेस वार्ता में बर्न एवं प्लास्टिक सर्जन डा० हरीश घिल्डियाल ने हाई टेंशन लाईन के करेंट की चपेट में आने से झुलसने के बढ़ते हुए हादसों के विषय में चिंता जताई तथा इसके रोकथाम के लिए आमजन को जागरूक एवं सतर्क रहने पर बल दिया।

ताकि इस तरह झुलसे मरीजों के अंग तथा जान की हानि पर अंकुश लगाया जा सके।

डा० घिल्डियाल ने बताया कि विगत दो वर्षों में हाई टेंशन करंट से झुलसे बीस मरीजों का उपचार कैलाश अस्पताल में किया गया है जिसमें से सात मरीजों को अपना अंग तथा दो मरीजों को जान गंवानी पड़ी। प्रदेश के कुल बीस मरीजों में सबसे अधिक संख्या ग्यारह देहरादून से रही। अंग गंवाने वाले सात मरीजों में चार मरीज चौदह साल से कम उम्र के हैं। हाल ही में इस तरह के हादसे से झुलसे दो बच्चों के सफल उपचार की विस्तृत जानकारी डा० घिल्डियाल ने सांझा की।

पहली घटना २१ दिसंबर २०१८ की है जहां ग्यारह वर्षीय अनुष्का नेगी ब्लाक जखोली जिला रुद्रप्रयाग में अन्य बच्चों के साथ घर की छत पर खेलते हुए हाई टेंशन लाईन की चपेट में आ गई। बच्ची का दांया हाथ तथा पेट का निचला हिस्सा बुरी तरह झुलसे गया था। कैलाश अस्पताल पहुंचते ही बच्ची की फेशियोटमी सर्जरी कर हाथ बचाने की कोशिश की गई परन्तु करंट से बुरी तरह झुलसी मांसपेशियों तथा त्वचा में सड़न की वजह से अनुष्का की जान बचाने के लिए झुलसे हुए दाहिने हाथ को निकालने के सिवाय कोई चारा नहीं था।

दांए बाजू का ऊपरी हिस्सा जिसकी मांसपेशियां भी गल गई थी, प्लास्टिक सर्जरी के फ्लेप आपरेशन द्वारा बचाया गया ताकि भविष्य में कृत्रिम अंग लगाया जा सके। इस आपरेशन में पीठ से एक मांसपेशी को बाजू की बची हड्डी पर स्थानांतरित कर बाजू को लंबाई प्रदान की गई।

पेट के निचले हिस्से के गहरे जख्मों को भरने के लिए माइक्रो सर्जरी तकनीक द्वारा मरीज के दांए जांघ से त्वचा पेट के गहरे जख्मों पर स्थानांतरित की गई। कुछ शेष बचे हुए जख्मों को स्किन ग्राफ्टिंग कर भरा गया। सफल इलाज के बाद अनुष्का को अब अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है।

डा० घिल्डियाल ने बताया कि इसी तरह की घटना में गत वर्ष २४ नवंबर को ग्यारह वर्षीय बालक अभिमन्यु निवासी ग्राम पेलियो शिमला बाईपास रोड, अपने घर के छत के ऊपर से जा रही हाई टेंशन लाईन की चपेट में आकर गंभीर स्थिति में कैलाश अस्पताल में भर्ती हुआ था। प्लास्टिक सर्जरी के पांच सफल आपरेशन के बाद अभिमन्यु को डिस्चार्ज किया गया। लेकिन इस दौरान उसने अपनी बांयी बाजू खोयी।

डा० हरीश घिल्डियाल ने मीडिया के माध्यम से आमजनों को संदेश दिया कि हाई टेंशन बिजली की लाइन से अपनी एवं खासकर छोटे बच्चों की दूरी बनाए रखें जो अनजाने में इसकी चपेट में आकर गंभीर हादसों का शिकार हो जाते हैं। उन्होंने प्रशासन से भी रिहायशी इलाकों में बढ़ते हादसों पर संज्ञान लेने की अपील की।
इस दौरान कैलाश अस्पताल के निदेशक पवन शर्मा एवं चिकित्सा अधीक्षक डा ० अतीश सिन्हा मौजूद रहे।

admin

Leave a Reply

Share