श्रीनगर,संसद में गृह मंत्री अमित शाह की अनुच्छेद 370 पर घोषणा से कुछ दिन पहले कश्मीर में कई तरह की अटकलें लगाई जा रही थीं।जो लोग आशंका जता रहे थे कि आर्टिकल 370 हटाए जाने के खिलाफ कश्मीर घाटी में विरोध होगा और हिंसा भड़केगी, उन्हें जवाब मिल गया है। अब सब बेहतर  हो रहा है। हालात बेहतर हैं। जिंदगी वापस  पटरी  पर  आ  रही  है। सबसे अहम बात यह है कि इसको लेकर एक तारीख मुकर्रर हो गई कि जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल के संसद से पास होने के बाद जम्मू-कश्मीर और लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश के रूप में किस दिन भारत के नक्शे पर अवतरित होगा।

खबर है कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के जरिए मिले विशेष राज्य का दर्जा खत्म किए जाने के बाद  इसको लेकर एक तारीख मुकर्रर हो गई कि नई व्यवस्था अब अस्तित्व में आ जाएगी। इसको लेकर एक तारीख मुकर्रर हो गई कि जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल के संसद से पास होने के बाद जम्मू-कश्मीर और लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश के रूप में किस दिन भारत के नक्शे पर अवतरित होगा।

अनुच्छेद 370 खत्म किए जाने के बाद कल शुक्रवार जम्मू-कश्मीर में पहला जुमा था और यह दिन अपेक्षाकृत शांति से निकल गया।. शाम होते-होते खबर आई कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल पर हस्ताक्षर करने के साथ ही अपनी रजामंदी दे दी। राष्ट्रपति की अनुमति मिलने के बाद अब जम्मू-कश्मीर राज्य के बंटवारे और जम्मू-कश्मीर तथा लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेश के रूप में बनने का रास्ता साफ हो गया।आज से 84वें दिन लद्दाख भी केंद्र शासित प्रदेश के रूप में भारतीय नक्शे पर नजर आएगा।

राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद केंद्र सरकार ने इस संबंध में घोषणा करते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख 31 अक्टूबर को केंद्र शासित प्रदेश (यूटी) के रूप में अस्तित्व में आ जाएंगे। अविभाजित जम्मू-कश्मीर अब तक राज्य की हैसियत से था, लेकिन अब उसे केंद्र शासित प्रदेश के रूप में रहना पड़ेगा। जबकि जम्मू-कश्मीर से अलग किए गए लद्दाख को करगिल के साथ मिलाकर केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया है।

दूसरी ओर, राज्य का दर्जा खत्म किए जाने के बाद मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर में भारी सुरक्षा व्यवस्था लगा रखी है और कई क्षेत्रों में कर्फ्यू और धारा 144 लगा हुआ है। हालांकि कल शुक्रवार को जम्मू से धारा 144 हटा ली गई जबकि कश्मीर में अभी भी यह व्यवस्था कायम है। घाटी में जुमे की नमाज शांति संपन्न हो गई। अब सबकी नजर 12 अगस्त को बकरीद पर है कि घाटी में किस तरह की प्रतिक्रिया होती है।

जानकारी हो कि हालांकि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के भारत के ऐतिहासिक फैसले पर पाकिस्तान बौखलाया हुआ है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपने विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी को चीन भेजा है। माना जा रहा है कि कुरैशी चीन के शीर्ष नेताओं से भारत की ओर से घाटी में उठाए गए कदमों पर चर्चा करेंगे।विश्व के कई देशों ने इस मसले पर पाकिस्तान को झटका देते हुए साथ नहीं दिया है। अमेरिका समेत कई देशों ने इसे दोनों देशों का आंतरिक मामला करार दिया, साथ ही पाकिस्तान को हिदायत दी है कि वह कोई भी एकतरफा कार्रवाई न करे।

भारत सरकार के इस फैसले से पाकिस्तान में ज्यादा खलबली मची हुई है और उसने पिछले कुछ घंटों में बड़े फैसले लेते हुए व्यापारिक संबंध खत्म कर लिया और राजनयिक संबंध कम कर लिया है। इसके अलावा पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फैसले के खिलाफ भारत पर दबाव बनाने की रणनीति पर काम कर रहा है।