उत्तराखण्ड में मई माह में होंगे निकाय चुनाव
प्रदेश में नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायतों के चुनाव मई में होंगे। इसके लिए सरकारी मशीनरी ने तैयारी तेज कर दी है। एक ओर जहां सरकार ओबीसी आरक्षण रिपोर्ट का अध्ययन कर रही है, तो दूसरी ओर राज्य निर्वाचन आयोग ने भी मतदाता सूची अपडेशन का काम पूरा कर लिया है। हालांकि, अभी इसकी कोई तिथि तय नहीं है। निकायों का कार्यकाल खत्म होने के बाद दो दिसंबर से आगामी छह माह यानी दो जून तक इनमें प्रशासक तैनात हैं। जिलाधिकारियों के स्तर से भी नगर निकायों की जिम्मेदारियां देखी जा रही हैं। एडीएम स्तर तक के अधिकारी छोटे निकायों में प्रशासक की भूमिका में हैं। इस बीच नए निकाय चुनाव की तैयारियां भी तेज कर दी गई हैं।
निकायों में दिया जाना है ओबीसी का आरक्षण –
अंदरखाने मई महीने में निकाय चुनाव कराने का लक्ष्य रखा गया है। हाल में एकल सदस्यीय समर्पित आयोग ने ओबीसी आरक्षण की जो रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंपी है, सरकार उसका अध्ययन कर रही है। अध्ययन के बाद शहरी विकास विभाग सभी जिलों के जिलाधिकारियों से आरक्षण रोस्टर तैयार कराएगा। इसी हिसाब से निकायों में ओबीसी का आरक्षण दिया जाना है।
आरक्षण को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग अधिसूचना जारी करेगा। चुनाव के लिए आयोग ने मतदाता सूची अपडेशन का काम पूरा करा लिया है। जल्द ही अंतिम प्रकाशन कर दिया जाएगा। अंदरखाने मई में ही निकाय चुनाव कराने की तैयारी है। इससे पहले प्रदेश में लोस के चुनाव होंगे। गौरतलब है कि सरकार ने हाईकोर्ट में भी छह माह के भीतर निकाय चुनाव कराने का वादा किया है। दो दिसंबर से दो जून तक छह माह की समयावधि पूरी हो रही है।
सरकार से निर्देश मिलने के बाद कार्रवाई –
राज्य निर्वाचन आयोग अपनी तैयारी तेजी से पूरी कर रहा है। आयोग के अध्यक्ष चंद्रशेखर भट्ट ने बताया, अभी प्राथमिक तैयारियां की जा रही हैं। उन्होंने बताया, सरकार जैसे ही शेड्यूल बताएगी, उसी हिसाब से निकाय चुनाव कराए जाएंगे।