अफसरों की अनदेखी के कारण इस बार उत्तराखंड को कोई वीरता पुरस्कार नहीं
उत्तराखंड में एक नहीं कई ऐसे बहादुर बच्चें हैं जिन्होंने अपनी जान पर खेलकर दूसरों की जान बचाई है। लेकिन इनमें से एक भी बच्चे को इस बार राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार नहीं मिलेगा। ऐसा इसलिए क्योंकि अंतिम तिथि तक ऐसे बच्चों के आवेदन ही नहीं भेजे गए। राज्य बाल कल्याण परिषद के मुताबिक उत्तराखंड के बहादुर बच्चों को भी गणतंत्र दिवस के दिन राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार मिल सके, इसके लिए जिलों के एसएसपी, डीएम, सीईओ, शिक्षा विभाग के निदेशक को कई बार पत्र भेजे। कहा गया कि छह से 18 वर्ष के उन बहादुर बच्चों के नाम परिषद को भेजें, जिन्होंने एक जुलाई 2022 से 30 सितंबर 2023 के बीच वीरता का प्रदर्शन किया हो। परिषद की महासचिव पुष्पा मानस बताती हैं कि बावजूद इसके बागेश्वर को छोड़कर अन्य किसी जिले से अंतिम तिथि 31 अक्तूबर 2023 तक बहादुर बच्चों के आवेदन नहीं भेजे गए।