प्रधानमंत्री से मिलने ऋषिकेश जा रहे संघर्ष समिति के संयोजक को पुलिस ने लिया हिरासत में

प्रधानमंत्री से मिलने ऋषिकेश जा रहे संघर्ष समिति के संयोजक को पुलिस ने लिया हिरासत में

मूल निवास, भू-कानून, अंकिता भंडारी हत्याकांड और भर्ती घोटालों की सीबीआई जांच की मांग को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने जा रहे मूल निवास भू-कानून समन्वय संघर्ष समिति के संयोजक मोहित डिमरी को पुलिस ने पांच घंटे तक हिरासत में रखा। उन्हें निजी मुचलके पर छोड़ा गया। आज सुबह करीब साढ़े आठ बजे मूल निवास भू कानून समन्वय संघर्ष समिति के संयोजक मोहित डिमरी को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। उन्हें पुलिस लाइन देहरादून ले जाया गया।

दरअसल, संघर्ष समिति का शिष्टमंडल आज ऋषिकेश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उत्तराखंड में मूल निवास, भू कानून, अंकिता हत्याकांड और भर्ती घोटालों की सीबीआई जांच करवाने के लिए ज्ञापन देने जा रहे थे। इस बीच मूल निवास, भू कानून समन्वय संघर्ष समिति, उत्तराखंड के संयोजक मोहित डिमरी को उत्तराखंड पुलिस सुबह सुबह हिरासत में लेकर देहरादून पुलिस लाईन ले गई और उन्हें 5 घंटे तक वहां पर हिरासत में रखा। मोहित डिमरी और समिति के साथियों को पुलिस ने ऋषिकेश जाने से रोके रखा और सुरेंद्र नेगी सहित अन्य साथियों को ऋषिकेश में नजरबंद रखा।

मोहित डिमरी ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर धामी डरे हुए हैं, वह नहीं चाहते कोई प्रधानमंत्री के आगे मूल निवास, भू कानून, अंकिता हत्याकांड और भर्ती घोटालों जैसे मुद्दे उठाए। क्योंकि इससे उनकी सरकार की पोल खुल जाएगी। लोकतांत्रिक व्यवस्था में हमें अपनी आवाज़ नहीं उठाने दी जा रही है। उन्होंने कहा कि इन मुद्दों को लेकर लड़ाई लगातार जारी रहेगी। वहीं मोहित डिमरी की गिरफ्तारी के बाद यूकेडी के वरिष्ठ नेता आनंद जुयाल, केंद्रीय प्रवक्ता शांति भट्ट, यूकेडी केंद्रीय युवा अध्यक्ष राजेंद्र बिष्ट, केंद्रीय मीडिया प्रभारी सुनील ध्यानी, केंद्रीय प्रवक्ता मीनाक्षी घिल्डियाल, समीर मुंडेपी, बृजमोहन सजवाण, प्रांजल नौडियाल, अनिल डोभाल, पंकज उनियाल, मनीष रावत, भोला चमोली, यतेन्द्र खंतवाल, शिवानंद लखेड़ा सहित अन्य लोग पुलिस लाइन देहरादून पहुँचे। उन्होंने मोहित डिमरी की गिरफ्तारी का विरोध किया और पुलिस की कारवाई को अलोकतांत्रिक बताया।

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