हाईवे किनारे बनाई गई अस्थाई 40 दुकानों को प्रशासन ने किया ध्वस्त, 150 और हटाई जाएंगी

रुद्रप्रयाग गौरीकुंड में हाईवे किनारे बनाई गई अस्थाई 40 दुकानों को प्रशासन ने खाली करने के साथ ध्वस्त कर दिया है। गौरीकुंड से सोनप्रयाग तक कुल 150 दुकानें चिन्हित की गई हैं। उखीमठ के उप जिलाधिकारी जितेंद्र वर्मा ने यह जानकारी दी।

रुद्रप्रयाग जिले के गौरीकुंड में भूस्खलन में लापता हुए 17 लोगों की खोजबीन के लिए रेस्क्यू सुबह 5.30 बजे से जारी है। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ सहित अन्य संस्थाओं के जवान खोजबीन में जुटे हैं। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने बताया कि सुबह से क्षेत्र में हल्की बारिश हो रही है।

रुद्रप्रयाग में मौसम खराब होने के कारण मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का गौरीकुंड दौरा रद्द हो गया है। दुर्भाग्य से रुद्रप्रयाग देश के 10 सबसे अधिक भूस्खलन खतरे वाले जिलों में से पहले नंबर पर है। इसकी तस्दीक पिछले तीन-चार दशकों के दौरान जिले में भूस्खलन की वे बड़ी घटनाएं हैं, जिनमें हजारों लोग मारे गए या लापता हो गए। 2013 में केदारनाथ में हुए भूस्खलन और बाढ़ में 4500 लोग मौत के आगोश में सो गए थे या नामो-निशान मिट गया। गौरीकुंड भूस्खलन हादसे ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के राष्ट्रीय सुदूर संवेदी केंद्र (एनआरएससी) की उस भूस्खलन मानचित्र रिपोर्ट पर मुहर लगाई है। उपग्रह से लिए गए चित्रों के आधार पर तैयार की गई रिपोर्ट बताती है कि रुद्रप्रयाग जिले को देश में भूस्खलन से सबसे अधिक खतरा है। भूस्खलन जोखिम के मामले में देश के 10 सबसे अधिक संवेदनशील जिलों में टिहरी दूसरे स्थान पर है।

Related articles

Leave a Reply

Share