दो कोचिंग सेंटर संचालकों पर होगा मुकदमा, सोशल मीडिया पर आयोग की छवि धूमिल करने का आरोप

दो कोचिंग सेंटर संचालकों पर होगा मुकदमा, सोशल मीडिया पर आयोग की छवि धूमिल करने का आरोप

स्नातक स्तरीय परीक्षा परिणाम पर सोशल मीडिया में उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) व उत्तीर्ण हुए अभ्यर्थियों की छवि धूमिल करने वाले दो कोचिंग सेंटरों पर मुकदमा दर्ज होगा। आयोग ने नो जुलाई को स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा कराई थी, जिसका परिणाम 21 जुलाई को जारी कर दिया था। अब अभिलेख सत्यापन व टाइपिंग टेस्ट होना है। इसके बाद अंतिम चयन सूची जारी की जाएगी। परीक्षा में जगदीश ने पांचवीं रैंक हासिल की है, जिस पर सोशल मीडिया में कुछ लोगों ने ये कहते हुए आपत्ति जताई थी कि पटवारी भर्ती में उनके केवल 16 अंक थे।

आयोग ने प्रकरण की जांच के बाद पाया कि जगदीश, पटवारी भर्ती परीक्षा में अधिकतम आयु सीमा पार करने की वजह से शामिल नहीं हो पाए थे। आयोग ने ये भी पाया कि जगदीश इससे पहले उत्तराखंड लोक सेवा आयोग की राज्य अवर अधीनस्थ, राज्य प्रवर अधीनस्थ, समीक्षा-सहायक समीक्षा अधिकारी भर्ती की प्रारंभिक परीक्षाओं को भी क्वालिफाई कर चुके हैं। इसके अलावा, स्नातक स्तरीय परीक्षा में दो छात्रों कमल किशोर व चंद्रशेखर को लेकर सवाल उठ रहा था कि पिता का नाम एक होने के चलते ये दोनों भाई हैं। आयोग ने इसकी भी जांच कराई तो पता चला कि कमल किशोर नैनीताल और चंद्रशेखर बागेश्वर निवासी हैं। उनके पिता का नाम समान है लेकिन वह भाई नहीं हैं।

आयोग के अध्यक्ष जीएस मर्तोलिया ने बताया कि जांच के दौरान ये तथ्य भी सामने आया कि देहरादून और ऊधमसिंह नगर के दो कोचिंग सेंटर संचालक भी स्नातक स्तरीय परीक्षा में शामिल हुए थे, लेकिन असफल हो गए। अब वे सफल अभ्यर्थियों और आयोग की छवि धूमिल करने के लिए सोशल मीडिया में भ्रामक तथ्य फैलाकर अभ्यर्थियों को उकसा रहे हैं। इससे कानून व्यवस्था संबंधी परेशानियां पैदा हो सकती हैं। मर्तोलिया ने कहा कि ऐसे कोचिंग सेंटर संचालकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। अवैध संचालन को बंद कराया जाएगा। आयोग के सचिव एसएस रावत ने सभी से अपील की है कि परीक्षा में अपनी मेहनत से उत्तीर्ण अभ्यर्थियों का उत्पीड़न न किया जाए। आयोग सभी परीक्षाएं पारदर्शी व नकलविहीन कराने को प्रतिबद्ध है।

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